नया सवेरा नई उमंगें
छोड़ो मन की सभी उलझनें,
बीते बातें एक तरफ कर
जीतो, पा लो नई मंजिलें।
रात निराशा की थी जो भी
बीत गई सो बात गई,
अब वो सारा दर्द भुला दो
गूंजे कुछ आवाज नई।
आशा की इक नई किरण से
ओस बूंद सुखें आखों में
उड़ने की फिर से बेचैनी
साफ दिखे तेरे पाँखों में।
नया सवेरा नई उमंगें
छोड़ो मन की सभी उलझनें,
बीते बातें एक तरफ कर
जीतो, पा लो नई मंजिलें।