नाच रहा मन मोर क्यों Satish Chandra Pandey 3 years ago नाच रहा मन मोर क्यों, आज बिना बरसात, है यह आहट प्रेम की, या है कोई बात। या है कोई बात, उमड़ क्यों नेह रहा है, साजन पर है गीत तभी यह गेय रहा है। कहे सतीश कभी न आये कोई आंच प्रेमी करता रहे मन ही मन प्यारा नाच।