रात भी खुद के तम से डरी होगी
चाँद की चमक भी शर्मिंदा होगी
तारों ने ना टूटने की कसम खाई होगी
जब बेबसी में उस क्षण की साक्षी होगी।
रात भी खुद के तम से डरी होगी
चाँद की चमक भी शर्मिंदा होगी
तारों ने ना टूटने की कसम खाई होगी
जब बेबसी में उस क्षण की साक्षी होगी।