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नूर महल

रौशनी से नहा रहा है आज नूर महल,
मुद्दत बाद निकला है चाँद मेरे शहर मे ।
ए फीज़ा तुझे है काली घटा की कसम,
नज़र न लगाना तू मेरे नूर महल में।।

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