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पलायन करते बेचारे लोग 😢😢😢

बेबस होकर वो लौटे हैं
श्रमवीर कहलाने वाले हैं
जिस घर में आराम से लेटे हो
उसकी नींव बनाने वाले हैं😢
घर मंदिर और कुआं पोखर
निज श्रम से उसने सींचे हैं
उसकी मेहनत का फल देखो
उपवन और बाग बगीचे हैं
अश्रु सहित नयन देखो 😢😢
उम्मीद से तुम्हें निहार रहे
मदद करो कुछ मदद करो 🙏
बेबस होकर पुकार रहे
भूखे पेटों के मंजर ने
शहर उसे भिजवाया था
आज वही मंजर देखो
वापस गांव ले आया है…

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