Site icon Saavan

पहचान क्यों अलग सी है..

जय हिन्द साथियो

पहचान क्यों अलग सी है सारे जहान में
सब सोचते ऐसा है क्या हिन्दोस्तान में

है सभ्यता की मूल ये हिन्दोस्तां मेरा
कितनी मिठास मिलती हमारी ज़ुबान में

हर रूप में हैं पूजते नारी को हम यहाँ
तुमको खुदा मिलेंगे हमारे ईमान में

ख़ुश्बू उड़े हवा में सुबह शाम पाक सी
गीता सुनाई देती यहाँ पर क़ुरान में

यूँ लाँघना कठिन है फ़सीलों को भी यहाँ
बारूद भर दिया है यहाँ हर जवान में

है केसरी सफेद हरे रंग से बना
ऊँचा रहे तिरंगा सदा आसमान में

बस खुशनसीब लिपटें तिरंगे में ‘आरज़ू’
कर जाते नाम भी अमर दोनों जहान में

जय हिंद
जय जवान,जय किसान,जय विज्ञान

Arjun Gupta (Aarzoo)

Exit mobile version