आपने बहुत किया हमारे लिए
काबिल बनाया, जी सकूं, न सिर्फ़ अपने लिए
काम आऊं, कुछ कर पाऊं मैं, आपके लिए
सहारा बनके नहीं,साथ रहूं आपके पनाह के लिए
आसरा मेरी नहीं, मैं आकांक्षा रखूं आशीर्वाद के लिए
आपने बहुत किया हमारे लिए
काबिल बनाया, जी सकूं, न सिर्फ़ अपने लिए
काम आऊं, कुछ कर पाऊं मैं, आपके लिए
सहारा बनके नहीं,साथ रहूं आपके पनाह के लिए
आसरा मेरी नहीं, मैं आकांक्षा रखूं आशीर्वाद के लिए