पूस का महीना Geeta kumari 3 years ago कोहरा घूम रहा है पथ पर, बाहर जाते लगता है डर। धूप सखी भी आज ना आई, दिनकर छिपे रहे हैं दिन भर। तारे भी सो रहे ओढ़ के चादर, चन्द्र भी ना आए निज, घर से बाहर निकल कर। सर्दी का सितम है छाया, पूस का महीना आया।। ____✍️गीता