दर्द जीवन में है जो
रख सरोकार उससे,
किसी को ठेस मत दे
कर ले प्यार सबसे।
पोछ ले अश्क सबके
कष्ट मत दे किसी को,
भाव समभाव के रख
कद्र दे दे सभी को।
खुद भी प्रसन्न रह ले
औऱ को भी खुशी दे,
उदासी में घिरे के
चेहरे में हँसी दे।
मस्त रह, दूसरे से
आस मत रख जरा भी,
खुद में खुद खोज खुशियां,
और को भी खुशी दे।
—— सतीश चन्द्र पाण्डेय