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प्यार जिससे करते हैं हम

 प्यार जिससे करते हैं हम

छुपाते भी उसीसे हैं

बात जिससे कर पाते नहीं हम

हमारी सब बातें भी उसीसे हैं।

 

मिले चाहे दर्द ही

हमें हर बार लेकिन

प्यार की ख्वाहिशों में

हमारी सब उम्मीदजातें भी उसीसे हैं।

 

दिखावा कर लेते हैं हम

उससे नाराज होने का

लेकिन पीछे हम फिर भी

आतेजातें उसीके है।

 

इतने बरसों की पढ़ाई में आजतक

किसी टीचर ने नहीं सुनाई

लेकिन आजकल ख़ुशीख़ुशी हम

डांट खातें भी उसीसे हैं।

 

बाकी जिंदगी तो सही चल रही है यारो

लेकिन अगर हैं

तो हमारी सब शिकायतें भी उसीसे हैं।

 

अरे.., मेरे प्यार से अनजान

उस पगली को तो ये भी नहीं मालूम

कि आजकल

हमारी सब इनायतें भी उसीसे है।

                                                            –   कुमार बन्टी

 

 

 

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