नफ़रतों के बीज बोकर,
प्रेम की फ़सलें उगाना।
कैसे सम्भव हो सकेगा,
यह जरा हमको बताना।
शूल बो कर शूल उगेंगे,
फूल बो कर फूल उगेंगे।
यह तो प्रकृति का नियम है,
इसमें कैसा है समझाना।।
_____✍️गीता
नफ़रतों के बीज बोकर,
प्रेम की फ़सलें उगाना।
कैसे सम्भव हो सकेगा,
यह जरा हमको बताना।
शूल बो कर शूल उगेंगे,
फूल बो कर फूल उगेंगे।
यह तो प्रकृति का नियम है,
इसमें कैसा है समझाना।।
_____✍️गीता