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जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

बेहाल मजदूर

आया ‘कोरोना वायरस’ सबसे ज्यादा हम बेहाल हुये। सच कहता हूँ हम मजदूरों के बहुत ही बुरे हाल हुये। छूटा रोजगार तो, दाल रोटी के…

शहीदों को नमन

“आजादी के मतवाले हँसकर फंदे पर झूल गये, बोलो उन वीर सपूतो को हम सब कैसे भूल गये। मंगल पांडेय ने देखो आजादी का बिगुल…

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