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बरखा रानी

देखो ये बादल बिना फ़िकर
उड़ते फिरते इधर-उधर।
कभी-कभी करते शैतानी,
छम-छम खूब बरसाते पानी।
सूख रही थी मेरी बगिया,
जल बरसाने आए मेघा।
बरखा रानी को संग लाए।
बरस गई जब बरखा रानी,
चलने लगी पवन सुहानी,
मौसम हो गया है रूमानी।।
_____✍️गीता

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