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बसन्त का आगमन

हवाओं ने मौसम का,
रूख़ बदल डाला।
बसन्त के आगमन का,
हाल सुना डाला।
नवल हरित पर्ण
झूम-झूम लहराए।
रंग-बिरंगे फूलों ने,
वन-उपवन महकाए।
बेला जूही गुलाब की,
सुगंधि से हृदय हर्षित हुआ जाए।
कोमल-कोमल नव पर्ण,
अपने आगमन से
जीवन में ख़ुशहाली का,
सुखद संदेशा लाए।
बीता अब पतझड़ का मौसम,
हृदय प्रफुल्लित हुआ जाए।।
_____✍️गीता

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