बस यूँ ही Abhishek kumar 4 years ago तेरे ज़िस्म के पन्ने बस यूँ ही पलटता हूँ मैं तेरे चेहरे में अपनी पहली मोहब्बत ढूंढ़ता हूँ तेरी रूह से कोई वास्ता मेरा तेरे इश्क को मैं अपना मुकद्दर समझता हूँ