बहार बन कर तुम जिन्दगी में Satish Chandra Pandey 5 years ago बहार बन कर तुम जिन्दगी में आये हो जब से बहारें खिली हैं। अकेले अकेले तन्हा सफर था आपसे ख़ुशी की फुहारें मिली हैं।