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बाकी चिर निद्रा है

कुछ देर पहले तक
बातें कर रहे थे वे,
कुछ ही पल बाद,
उखड़ गई सांसें।
हल्की सी उल्टी,
का बहाना था,
गायब हो गई धड़कन।
शून्य शून्य शून्य
शून्य में विलीन हो गए।
यही है जीवन,
विलीन हो जाता है।
जब तक सांस है
तब तक ही सब है।
बाकी चिर निद्रा है।

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