मयकदे की सीढ़ियाँ तो चढ़ ना पाए
कैसे रख पाओगे लाज़ तुम पैमाने की
बीच राह् में ही कही तुम बहक गए
कदम मंज़िल से पहले ही भटक गए
बातें करते थे तारों और आसमानो की
इस छोटी सी राह पर ही तुम बिखर गए
…..यूई
मयकदे की सीढ़ियाँ तो चढ़ ना पाए
कैसे रख पाओगे लाज़ तुम पैमाने की
बीच राह् में ही कही तुम बहक गए
कदम मंज़िल से पहले ही भटक गए
बातें करते थे तारों और आसमानो की
इस छोटी सी राह पर ही तुम बिखर गए
…..यूई