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बात कह रहे हैं

छोटे हैं मगर ये बड़ी बात कह रहे हैं,
दो रोटी को तरसते ये हालात कह रहे हैं,

छोड़ने को तैयार नहीं एक दूजे को अकेला,
हाथों में डाले ये हाथ कह रहे हैं,

ये लम्हा बड़ी मशक्कत से कमाया है राही,
चेहरे ये जिद्दी सब साफ़-साफ़ कह रहे हैं॥
राही (अंजाना)

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