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बात हो रोजगार की

बात हो रोजगार की, भरें युवा के जख्म,
जगे नया उत्साह अब, नयी बजे कुछ नज्म।
नयी बजे कुछ नज्म, खिले माथा यौवन का,
सिंचित कर हर फूल, खिले भारत उपवन का,
कहे लेखनी न्याय हो अब यौवन के साथ,
बेकारी हो दूर, यही हो पहली बात।

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