बेखयाली Pragya 4 years ago दिल की अठखेलियां और अंगड़ाइयाँ धीमे-धीमे बढ़ती जा रही हैं उम्र चांदनी की तरह घटती जा रही है तुम्हें होश है कि नहीं अब सितम करना बंद कर बेखयाली में भी खयाल आता है तेरा तू दिल से खेलना बंद कर।