बेटी है लक्ष्मी का रुप,
मिलतीं है सौभाग्य से,
घर का आंगन खिल जाता है,
उसकी पायल की झन्कार से।
बेटी ही तो मां बनकर,
हमको देती नया जनम,
सम्मान करें हर बेटी का,
यह है हर मानव का धरम,
जनम न दोगे बेटी को तो,
संसार ये रुक जाएगा,
बिन बेटी के, बेटे वालो,
बेटा न हो पाएगा।