बेटी से सौभाग्य
बेटी है लक्ष्मी का रुप,
मिलतीं है सौभाग्य से,
घर का आंगन खिल जाता है,
उसकी पायल की झन्कार से।
बेटी ही तो मां बनकर,
हमको देती नया जनम,
सम्मान करें हर बेटी का,
यह है हर मानव का धरम,
जनम न दोगे बेटी को तो,
संसार ये रुक जाएगा,
बिन बेटी के, बेटे वालो,
बेटा न हो पाएगा।
बहुत प्यारी कविता
धन्यवाद
बढ़िया
सुंदर रचना
वाह बहुत सुंदर
Good
Nice
बहुत खूब
👏👏
सुन्दर अभिव्यक्ति
Beautiful poem