Site icon Saavan

बेरुखी

बेरुखी से बड़ी सजा ही नहीं ,
खता क्या थी, पता ही नहीं
वो इस कदर दूर हो गए ,
कभी पास भी थे क्या,
अब तो ऐसा लगता ही नहीं ।।

Exit mobile version