ये कैसी राइड है,
ना कर रहा कोई गाइड है
लंबी – लंबी सी राहें हैं,
मानो प्रियतम की बाहें हैं
नदिया भी बह रही है,
हमसे ये कह रही है
आना फिर दोबारा यहां,
ऐसा मंजर होगा कहां
पवन सुनाती है सरगम,
खुशियां ही खुशियां दिखें यहां
मिट जाते हैं सारे ही गम …
*****✍️गीता