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मगर है चाँद सा

आप खो गए थे
मन उद्वेलित था
अब आ गए हो
है प्रफुल्लित सा।
नभ में सूरज उदित सा,
मन है मुदित सा।
आपका होना
रात को चाँद सा,
काजल लगी आंख सा।
मगर प्रविष्टि है कठिन दिल में
क्योंकि वो बना है
शेर की माँद सा।
मगर है चाँद सा।

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