ठंड की बरसात में
घर के भीतर छाता ओढ़कर
सोने की मत सोचो
दिखावे का रोना
रोने की मत सोचो।
मुँह चुराकर
निकल जाने की मत सोचो।
केवल खुद ही
खाने की मत सोचो।
अपनी खुशी के ही
गीत गाने की मत सोचो।
जो जरूरतमंद हैं
भूखे हैं, वस्त्रहीन हैं
उनकी भी मदद कर लो
सब कुछ खुद ही
पाने की मत सोचो।