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मातृभूमि

कुछ खट्टी कुछ मीठी
बातों को
सुनने और सुनाने को
जी करता है
मेरा जब भी
तेरी आँचल में
आ जाता हूँ।
तू जननी है
जन्मभूमि है
तेरी गोद में
आकर मैया
सुख जन्नत
का पा जाता हूँ।।

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