मानव की पहचान Satish Chandra Pandey 3 years ago आँख का जल एक है, मानव की पहचान, अगर न हो संवेदना, फिर कैसा इंसान। फिर कैसा इंसान, जानवर भी रोते हैं, मानव में तो दया भाव के गुण होते हैं। कहे कलम विचरते, हैं भू में प्राणी लाख, दया की मूरत है, प्यारी मानव की आंख।