मानव की पहचान

आँख का जल एक है, मानव की पहचान,
अगर न हो संवेदना, फिर कैसा इंसान।
फिर कैसा इंसान, जानवर भी रोते हैं,
मानव में तो दया भाव के गुण होते हैं।
कहे कलम विचरते, हैं भू में प्राणी लाख,
दया की मूरत है, प्यारी मानव की आंख।

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Responses

  1. आँख का जल एक है, मानव की पहचान,
    अगर न हो संवेदना, फिर कैसा इंसान।
    _________ संवेदनशीलता ही मनुष्य का महत्वपूर्ण गुण है, इसी सत्य को परिलक्षित करती हुई कवि सतीश जी की छंद शैली में एक बेहतरीन रचना, अति उत्तम लेखन

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