मिलन की प्यास Praduman Amit 3 years ago आपकी चाहत के तलबगार है हम। आओ एक हो जाए हम।। ढलती गोधूलि , उस पे हवा के झोंके। उफ,,, रुत भी कहने लगी एक जान है हम।।