मीत मेरे Satish Chandra Pandey 4 years ago सावन की बूंदें मन में हलचल कर रहीं तुम कहाँ हो मीत मेरे आओ ना, मत रहो यूँ दूर मुझसे आओ ना, मैं मनोहर ऋतु में आखें भर रही, बाढ़ मत आने दो मेरे नैन में मत बहाओ आस मेरी, आओ ना, इस भरी बरसात में बेचैन हूँ तुम कहाँ हो मीत मेरे आओ ना,