‘तुमसे तो चंद कदम तय भी हो सके ना कभी,
मैंने मीलों का सफर चलके ही गुज़ारा है..
कम से कम तुम पर किसी कत्ल का इल्ज़ाम नही,
मैंने तो उम्र भर ही ख्वाहिशों को मारा है..’
‘तुमसे तो चंद कदम तय भी हो सके ना कभी,
मैंने मीलों का सफर चलके ही गुज़ारा है..
कम से कम तुम पर किसी कत्ल का इल्ज़ाम नही,
मैंने तो उम्र भर ही ख्वाहिशों को मारा है..’