दर्द के दामन में चाहत के कमल खिलते हैं!
अश्क की लकीर पर यादों के कदम चलते हैं!
रेंगते ख्यालों में नज़र आती हैं मंजिलें,
जिन्दगी में जब भी ख्वाबों के दिये जलते हैं!
मुक्तककार – #महादेव’
,
दर्द के दामन में चाहत के कमल खिलते हैं!
अश्क की लकीर पर यादों के कदम चलते हैं!
रेंगते ख्यालों में नज़र आती हैं मंजिलें,
जिन्दगी में जब भी ख्वाबों के दिये जलते हैं!
मुक्तककार – #महादेव’
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