मुक्तक Mithilesh Rai 8 years ago हर सुबह ख्वाबों से रिश्ता टूट जाता है! प्यार का पलकों में गुलिस्ताँ छूट जाता है! खोजता हूँ मंजिलें तमन्नाओं की लेकिन, मुझसे चाहतों का फरिश्ता रूठ जाता है! मुक्तककार- #महादेव’