मुक्तक

तेरी जुदाई से मैं हरपल डर रहा हूँ!
तेरी बेरुखी से मैं हरपल मर रहा हूँ!
कबसे भटक रहा हूँ मैं तेरे ख्यालों में,
शामें-मय़कशी तेरे नाम कर रहा हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

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मुक्तक

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मुक्तक

तेरी सूरत का मैं दीवाना हूँ कबसे! तेरी बेताबी का परवाना हूँ कबसे! अंजामे-बेरूखी से बिखरी है जिन्दगी, जख्मे-तन्हाई का अफसाना हूँ कबसे! मुक्तककार- #महादेव'(24)

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