मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago तेरी चाहत मेरे गुनाह जैसी है! तेरी चाहत दर्द की आह जैसी है! आँखों में आहट है ख्वाबों की लेकिन, तेरी चाहत सितम की राह जैसी है! मुक्तककार- #महादेव'(22)