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मुक्तक

चाँद से गुफ़्तगू में सितारे गिनते रह गए

हम तो मोम थे रात भर जलते रह गए

बस यही एक भूल हमसे सरेआम हुई

भूलना था तुम्हे हम की याद करते रहे गए

#VIP~

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