Site icon Saavan

मुक्तक

पास ना होकर भी जो
दूर नहीं
बिछड़कर भी जो
छूटा नहीं
सिर्फ दोस्ती का रिश्ता
ही है जो मेरे बदलने पर
भी बदला नहीं !
(निसार)

Exit mobile version