आज भी मुझमे कही तुम रहते हो
मै तो अनपढ़ हूँ, तुम लिखते रहते हो
धड़कनो के सुर पे जब साज़ लगते है
मै तो खामोश होता हू तुम गाते रहते हो
#VIP~
आज भी मुझमे कही तुम रहते हो
मै तो अनपढ़ हूँ, तुम लिखते रहते हो
धड़कनो के सुर पे जब साज़ लगते है
मै तो खामोश होता हू तुम गाते रहते हो
#VIP~