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मुक्तक

तेरा जब मुझे रुखसार याद आता है!
तेरे हुस्न का दीदार याद आता है!
यादों से जुड़ जाती हैं वक्त की कड़ियाँ,
सब्र का दिल से तकरार याद आता है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

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