Site icon Saavan

मुक्तक

कौन मेरी तन्हाई में हमारा बनेगा?
नाकामियों के दौर में बेचारा बनेगा!
टूटती मीनार हूँ अपने आशियाने की,
अब कौन इन दीवारों का सहारा बनेगा?

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

Exit mobile version