मुक्तक Panna 6 years ago देखा है दुनिया को अपनी दिशा बदलते अपने लोगो को अपनो से आंखे फ़ेरते कतरा कतरा जिंदगी का रेत फिसलता जाता है देखा है जिंदगी को मौत में बदलते