मुक्तक

तेरी नजर हाल-ए-दिल बयान कर देती है!
तेरी नजर चाहत का ऐलान कर देती है!
ख़्वाहिशें बंध जाती हैं साँसों की डोर से,
तेरी याद रातों को वीरान कर देती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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