मुक्तक Manoj 8 years ago लोगों की बातों में आकर मुझको ना तुम निराश करो मैं प्रणय निवेदन करता हूँ बस इतनी पूरी आश करो | वे भी उन्मादी प्रेम रथी पर में पर वंचन करते है सो हृदयंगम कर प्रीत मेरी मत इसका उपहास करो || उपाध्याय…