1- है बहुत सख्त वक़्त के क़ैद खाने कि सलाखे,
जिन्दगी लाख बन जाए पंछी – मगर उड़ नहीं सकती ।
2- हकीकत से मुह मोड़ने का प्रयास तो देखो,
अक्सर आईने तोड़ दिया करते है लोग ।
3 – अपनी किश्ती को खुद ही संभल ए मुसाफिर ,
अक्सर मांझी बन कर साथ छोड़ दिया करते है लोग ।