मुक्तक Arya Harish Koshal Puri 8 years ago अगर है शौक़ कविता का तो ये उलझन ज़रूरी है ! किसी के प्यार में क़ुरबान हो जीवन ज़रूरी है !! कई एक रोज़ से मॉ ने मेरा माथा नही चूमा ! मेरे माथे को मेरी मॉ का एक चुम्बन ज़रूरी है !!