मुठ्ठी में तकदीर है मेरी, मेरे वतन की
कर ले कोई कितनी भी कोशिश
मिटा नहीं सकता|
क्या करेगा वो इन्सान आखिर
जो देश का राष्टगान भी
गा नहीं सक्ता||
मुठ्ठी में तकदीर है मेरी, मेरे वतन की
कर ले कोई कितनी भी कोशिश
मिटा नहीं सकता|
क्या करेगा वो इन्सान आखिर
जो देश का राष्टगान भी
गा नहीं सक्ता||