मुस्कुराहट बिखेरो न यूँ ठंड में
विघ्न डालो नहीं आज आनन्द में,
मन है कोमल, जरा भोलेपन में भी है
आज डालो नहीं आप फिर द्वंद में।
मुस्कुराहट बिखेरो न यूँ ठंड में
विघ्न डालो नहीं आज आनन्द में,
मन है कोमल, जरा भोलेपन में भी है
आज डालो नहीं आप फिर द्वंद में।