मुस्कुराहट Satish Chandra Pandey 3 years ago मुस्कुराहट फूल का ही रूप है मुस्कुराओ और खुशबू को बिखेरो खुद रहो खुश और सबको प्रेम दो नफरतों को छोड़कर बस प्रेम दो। खूब भीगो नेह की बरसात में, धुन में गाओ खूब झूमो राग में मन रखो पावन, रखो निर्मल नयन मत रखो अपने कदम तुम दाग में।