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मुस्कुराहट

मुस्कुराहट फूल का ही रूप है
मुस्कुराओ और खुशबू को बिखेरो
खुद रहो खुश और सबको प्रेम दो
नफरतों को छोड़कर बस प्रेम दो।
खूब भीगो नेह की बरसात में,
धुन में गाओ खूब झूमो राग में
मन रखो पावन, रखो निर्मल नयन
मत रखो अपने कदम तुम दाग में।

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